The Basic Principles Of piles treatment cost

दिनभर खूब पानी पिएं और कैफीन या शराब जैसी चीजों से बचें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट करती हैं.

बवासीर दो प्रकार की होती हैं, जो ये हैंः-

तुमच्या झोपेचा रंग कोणता? – झोपेच्या सवयीवर आरोग्य किती अवलंबून आहे?

निम्नलिखित सूचनात्मक जानकारी पढ़ें, जिसमें पाइल्स के लक्षण, कारण, प्रकार, निदान, रोकथाम और उपचार का विस्तृत विवरण दिया गया है।

क्या बवासीर के लिए योग या व्यायाम मददगार होता है?

मल त्याग के दौरान या बाद में चमकीला लाल खून

शुरुआती अवस्था में बवासीर का इलाज आहार सुधार, नियमित व्यायाम और घरेलू उपायों द्वारा किया जा सकता है।

बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है.

नारियल की जटाओं को जलाकर राख या भस्म बना लें। इसे ताजे मट्ठे में मिलाकर सुबह खाली पेट नियमित रूप से पिएं।

और पढ़ें – मस्सा के इलाज में काकोदुम्बर फायदेमंद

नींबू और अदरक का रस समान मात्रा में मिलाएं। इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं। यह आंतों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

इंटरनल वाले शुरू में आसानी से नज़र नहीं आते, लेकिन खून निकलने पर पता चलता है. वहीं बाहरी बवासीर में गुदा get more info के पास गांठ जैसी सूजन दिखती है जो दर्द और जलन देती है.

क्षार को एक विशेष उपकरण का उपयोग करके बवासीर पर लगाया जाता है जिसे स्लिट प्रोक्टोस्कोप कहा जाता है। पेस्ट तब रासायनिक रूप से बवासीर को दागदार करता है, जो खुला और खून बह रहा हो सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस क्षर कर्म विधि को बवासीर के इलाज के लिए सबसे अच्छा तरीका माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *